SIKAR SHEKHAWATI ★ सीकर शेखावाटी ★
Write By:- Yogendra Singh Tihawali
सीकर : लक्ष्मणगढ़ : रामगढ़ शेखावाटी : फतेहपुर शेखावाटी : श्रीमाधोपुर : नीमकाथाना : खण्डेला : धोद : दांतारामगढ़ :

SIKAR:-
शेखावाटी के अर्ध रेगिस्तान में बसे सीकर का इतिहास काफी रोचक है | यह शहर जयपुर - बीकानेर नेशनल हाईवे 11 पर बहुत खूबसूरती से बसावट है | सीकर का प्राचीन नाम "वीर भान का बास " था | सीकर शहर को " महाराजा दौलत सिंह " ने बसाया गया था | "चैत्र महीना शुक्ल नवमी का दिन अथार्त रामनवमी के दिन 1687 ईस्वी को शेखावाटी के इस विशाल नगर की नीव रखी और इसका नाम "श्रीकर " कर रखा जो वर्तमान में "सीकर' नाम से जाना जाता है | दौलत सिंह के बाद "राव शिव सिंह " शक्तिशाली शासक बने | इन्होने "काबुल " से जाती हुई पांच मण चांदी को लूट कर सीकर को एक शक्तिशाली राज्य बनाया | राव शिव सिंह ने "बंगाल " से लाये "गोपीनाथ विग्रह "को गढ़ के निकट "गोपीनाथ मंदिर " बनाकर प्रतिष्ठित किया | सीकर में आज भी भगवान गोपीनाथ जी को "राजा " कहकर ही पूजा की जाती है | सीकर के 11 राजतंत्रीय शासको का 267 वर्षो तक राज रहा | इन्होने हर्ष पर्वत पर भगवान शिव का आकाश छूने वाला मंदिर बनाया | 1788 ईस्वी में फतेहपुर के नवाब कायमखानी
" सरदार खां और कामयाब खां " को हराकर सीकर को 1500 गाँवों की रियासत बनाया |
सीकर के अंतिम शासक " राव राजा कल्याण सिंह थे जिनका राज्याभिषेक 9 जुलाई 1923 को हुआ | कल्याण सिंह ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे लेकिन आधुनिक विचार , शिक्षा और धर्म से काफी लगाव था | सीकर में इनके नाम से " राजकीय कल्याण सिंह कॉलेज ", कल्याण स्कूल, कल्याण हॉस्पिटल जैसे कई बड़े पब्लिक पैलेस है | सीकर में " उतरी - पश्चिमी रेलवे जॉन " के तहत ट्रेन को शहर में लाना इन्ही को श्रेय जाता है | कुल मिलाकर कल्याण सिंह का कार्यकाल बहुत ही अच्छा रहा | इसके देश की राजा रियासते समाप्त हो गयी और देश संगठित राज्यों की एकता में बंध गया |
सीकर के अनेक प्रखर व्यक्ति उच्च पदों पर है पूर्व राष्ट्रपति -प्रतिभा पाटिल ,
पूर्व उपराष्ट्रपति - भैरों सिंह शेखावत , पूर्व पैट्रोलियम मंत्री - मुरली देवड़ा ,
विख्यात समाजसेवी - बद्रीनारायण सोढानी जैसे महापुरुष इसी धरती से नाता रखते है |
सीकर की अरावली पर्वतमाला की लोहागर्ल , और हर्ष की गोद में संकटमोचन , माँ शाकम्बरी लोहागर्ल , शक्ति पीठ जीणमाता यंहा आस्था के प्रतीक है इसके अलावा सीकर से 45 किमी दूर खाटू ग्राम में
"खाटू श्याम जी " का मंदिर भी प्रसिद्ध है | सीकर शिक्षा के मामले में भी काफी आगे बढ़ चूका है जिसकी गिनती राजस्थान में शिक्षा नगरी कोटा के बाद इसी शहर की होती है |
शिक्षा, इंजीनियरिंग ,चिकित्सा के क्षेत्र में सीकर ने अच्छी प्रगति की है | यंहा शोभासरिया इंजीनियरिंग कॉलेज ,सी एल सी , गुरुकृपा, लक्ष्मणगढ़ की मोदी कॉलेज , गोयनका कॉलेज , फतेहपुर की निमावत स्कूल , सीकर जिले की शान है |
प्राचीन विरासतों में यंहा ऐतिहासिक गढ़, हवेलिया , कोठिया , नगर द्वार , भीति चित्र , छतरिया , स्मारक , सीकर में अपनी एक पहचान रखते है | पर्यटन स्थल "हर्ष " धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल
है |
स्वाधीनता आंदोलन में यंहा के यसस्वी सपूत एवं क्रन्तिकारी योद्धा डूंगजी , जवाहर जी , लोट सिंह जाट , कर्ण सिंह मीणा जैसे लोगो ने आगरा जैसी मजबूत जेल से फरार होकर अंग्रेजो को परेशान कर दिया | इसी वीर भूमि पर क्रांतिकारी "तात्या टोपे " 1889 को को सोलह हज़ार लोगो के साथ यंहा आया |
आजादी की इस लड़ाई में " लादूराम जोशी " एवं "जमना लाल बजाज " जैसे कई स्वतंत्रता सेनानी पैदा हुए |
यह धरती वीर व् संम्पन व्यवसायो की प्रसूता भूमि है | यंहा के उधोग जगत के लोगो ने इस देश में नाम कमाया है जिससे उन्होंने सीकर को गौरवान्वित महसूस करवाया है |
साम्प्रदायिक एवं संस्कृति स्वरूपी ये " सीकर " की भूमि सम्पूर्ण देश के लिए आदर्श एवं गौरवशाली है और इसका आने वाला कल अच्छा व् उज्जवल हो हम यही कामना करते है



Comments
Post a Comment